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फूलों की खेती से चमकी किसान श्रीकांत की तकदीर, जानें इनकी सफलता की कहानी

फूलों की खेती से चमकी किसान श्रीकांत की तकदीर, जानें इनकी सफलता की कहानी

भारत एक कृषि प्रधान देश है। देश की अधिकांश आबादी कृषि या कृषि से जुड़े कार्यों से आजीविका चलाती है। वर्तमान में भारत के कई पढ़े-लिखे शिक्षित लोग नौकरी को छोड़कर कृषि में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। 

साथ ही, सफलता भी हांसिल कर रहे हैं। इसी कड़ी में फूलों की खेती करके श्रीकांत बोलापल्ली ने एक छोटी स्तर से शुरुआत करके आज वार्षिक करोड़ों की आय का मुकाम हांसिल किया है। 

उन्होंने फूलों की खेती करने से पूर्व आधुनिक कृषि तकनीकों के विषय में सही से जानकारी ग्रहण की और इसका अनुसरण करके इसको कृषि में लागू किया। आज के समय में फूलों की खेती और इसके व्यवसाय में इनका काफी जाना-माना नाम है। 

फूलों की खेती की कहानी कब और कैसे शुरू हुई 

अपनी युवावस्था में आज से तकरीबन 22 वर्ष पूर्व तेलंगाना के एक छोटे से शहर से आने वाले श्रीकांत बोलापल्ली का सपना था, कि वह अपनी जमीन पर खेती करें। 

लेकिन, गरीबी के चलते और घर-परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह जमीन खरीद सकें। समय के चलते हालात बिगड़ने पर श्रीकांत ने अपने शहर ‘निजामाबाद’ को छोड़ दिया और 1995 में बेंगलुरु करियर बनाने आ गये। 

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उस दौरान डोड्डाबल्लापुरा क्षेत्र में श्रीकांत को फूलों की खेती से जुड़ी एक कंपनी में बतौर पर्यवेक्षक के रूप में काम मिला। इस समय श्रीकांत की सैलरी 1000 रुपये महीना हुआ करती थी।

बैंगलुरु से प्रारंभ किया फूलों का व्यवसाय 

2 सालों तक श्रीकांत ने इसी कंपनी में कार्य किया और फूलों की खेती करने के लिए वैज्ञानिक खेती के विषय में जानकारी अर्जित की है। 

उन्होंने यहां नौकरी करके 24000 हजार रुपये जमा किए और बैंगलुरु में ही फूलों का छोटा सा व्यवसाय शुरू किया। श्रीकांत ने विभिन्न कंपनियों और किसानों से संपर्क करके फूलों का व्यापार करना शुरू कर दिया। 

प्रारंभिक समय में वह अकेले ही फूलों को इकट्ठा किया करते थे और इनकी पैकिंग करके पार्सल किया करते थे। धीरे-धीरे मांग में वृद्धि हुई और उन्होंने दो कर्मचारियों को अपने साथ में जोड़ लिया।

श्रीकांत को इस साल करोड़ों की आय की संभावना 

बतादें, कि श्रीकांत ने काफी लंबे समय तक फूलों का व्यवसाय करने के बाद 2012 में श्रीकांत ने डोड्डाबल्लापुरा में ही 10 एकड़ भूमि खरीदी। किसान श्रीकांत ने इस भूमि पर आधुनिक तकनीकों के साथ फूलों की खेती करनी चालू की है।

श्रीकांत आज 30 एकड़ भूमि पर फूलों की खेती कर रहे हैं। फूलों की खेती करके उन्होंने पिछले वर्षों में 9 करोड़ रुपये का मुनाफा प्राप्त किया है। 

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उन्होंने इस वर्ष 12 करोड़ रुपये का लाभ कमाने का आंकलन किया है। 20 सालों में श्रीकांत के साथ कार्य करने वाले कर्मचारियों की तादात 40 हो चुकी है।

श्रीकांत ने आधुनिक कृषि तकनीकों का किया उपयोग  

किसान श्रीकांत ने पिछले चार वर्षों में आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाया और अपने खेतों में इन तकनीकों का उपयोग करने लगे। 

श्रीकांत ने अपने खेत में फूलों की खेती के लिए ग्रीन हाउस तैयार किया है। इस ग्रीन हाउस में उन्होंने उच्च कृषि तकनीकों को अपनाया और फूलों को अनुकूल वातावरण प्रदान किया। 

इस ग्रीन हाउस में श्रीकांत ने सिंचाई, उवर्रक का प्रयोग, घुलनशील उवर्रक, मिट्टी, कीटनाशक उपयोग और फूलों के विकास के नियमों का ख्याल रखा है। 

उन्होंने इस ग्रीन हाउस में फूलों के लिए सूर्य की रौशनी की भी व्यवस्था की हुई है। इसके अलावा उन्होंने कीट जाल भी बनाकर रखे हैं, ताकि कीटनाशक का कम से कम इस्तेमाल किया जा सके। 

श्रीकांत ने आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए हवा की भी व्यवस्था की हुई है, जिससे फूलों को समुचित नमी प्राप्त हो सके। 

पारंपरिक खेती की जगह इस फूल की खेती किसानों को कर सकता है मालामाल

पारंपरिक खेती की जगह इस फूल की खेती किसानों को कर सकता है मालामाल

हाल के दिनों में आपको देखने को मिलता होगा कि पारंपरिक खेती से किसान अपना रुख बदल रहे हैं, क्योंकि पारंपरिक खेती में किसानों को लागत के अनुसार मुनाफा नहीं मिल पा रहा है। 

विगत कुछ दिनों में आपको ये भी देखने को मिल रहा होगा कि किसान फूलों की खेती की तरफ अपना रुझान दे रहे हैं, क्योंकि उनको ऐसा लगता है कि फूलों की खेती में पारंपरिक खेती से ज्यादा मुनाफा मिल सकता है। 

इसके अलावा भी फूलों की खेती करने के पीछे किसानों की मंशा ये भी है कि आए दिन फूलों की मांग पूरे देश में काफी बढ़ गयी है। गौरतलब हो कि पूरे भारत में लगभग 2 लाख मैट्रिक टन फूल का उत्पादन किया जाता है।

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फूलों में भी आजकल जिस फूल की खेती सबसे ज्यादा की जा रही है वो है गुलाब (Gulab; Rose)। गुलाब को फूलों का राजा कहा जाता है, आपको बता दें कि इसका कारण यह नहीं है की सिर्फ इसको सजावट के लिए प्रयोग करते हैं। 

अपितु इसका बहुत सारा औषधीय प्रयोग भी है, जैसे कि गुलाब जल, गुलाब इत्र आदि। आपको यह जान कर भी हैरानी होगी कि किसान इस फूल को एक बार लगा कर इससे लगभग 10 साल तक फूलों का उत्पादन कर पैसा कमा सकते हैं।

आपको बताते चलें कि गुलाब की खेती के लिए किसान को किसी खास तरह की मिट्टी की बाध्यता नहीं है। किसान इसे किसी भी तरह के मिट्टी में उपजा कर अच्छा मुनाफा कमा सकता है। 

लेकिन अगर किसान बलुई या दोमट मिट्टी का प्रयोग करते हैं, तो फसल और भी अच्छी होगी। लेकिन अगर मिट्टी की उपज अच्छी हो या फिर इसमें जीवांश की मात्रा अधिक हो तो उपज और भी अच्छी होती है। लेकिन किसान एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि इस मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।

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अगर बात करें गुलाब के खेती के लिए जलवायु का तो इसके लिए जलवायु समशीतोष्ण किस्म का होना चाहिए। किसानों को यह भी ध्यान रखना होगा कि गुलाब की खेती के लिए गर्म जलवायु काफी नुकसानदेह हो सकता है, 

जिससे किसानों को नुकसान भी हो सकता है। आपको बता दें कि किसानों को गुलाब की खेती के लिए 25 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान से नीचे का तापमान अच्छी उपज दे सकता है। 

गौरतलब हो की पूरे भारत में गुलाब के किस्म की बात करें तो लगभग 20 हजार से ज्यादा है। लेकिन जिस किस्म का प्रयोग किसान आमतौर पर करते हैं, उनमें मोहनी, प्रेमा, डेलही प्रिंसेज नूरजहां आदि शामिल हैं।

इस राज्य के गुलाब उत्पादक किसान ने गुलाब की खेती कर मिशाल पेश की है

इस राज्य के गुलाब उत्पादक किसान ने गुलाब की खेती कर मिशाल पेश की है

आज हम आपको इस लेख में एक सफल फूल उत्पादक किसान के बारे में बताने जा रहे हैं। जो कि प्रतिमाह 80 किलो तक गुलाब के फूल की पैदावार कर रहे हैं। विशेष बात यह है, कि वह गुलाब के फूल की स्वयं ही बाजार में आपूर्ति करते हैं। सामान्य तौर पर जब हम हरियाणा का नाम सुनते हैं, तो सबसे पहले हमारे मन में धान और गेंहू की खेती का नाम सामने आता है। लोगों का ऐसा मनना है, कि हरियाणा में किसान केवल धान और गेंहू की ही खेती किया करते हैं। परंतु, इस तरह की कोई बात नहीं है। देश के अन्य राज्यों की ही भांति हरियाणा में भी किसान बागवानी फसलों का उत्पादन किया करते हैं। इससे किसान भाइयों की अच्छी-खासी कमाई हो जाती है। विशेष बात यह है, कि बागवानी फसलों पर राज्य सरकार के स्तर से किसान भाइयों को अनुदान दिया जाता है। हरियाणा के फूल उत्पादक किसान राजेश कुमार ने गुलाब की खेती करके अन्य लोगों के लिए नजीर पेश की है।

राजेश ने 6 कनाल में गुलाब की खेती कर रखी है

किसान तक के मुताबिक, इस किसान का नाम राजेश कुमार है। जो कि हिसार जनपद के हिदवान गांव के निवासी हैं। दरअसल, पहले राजेश सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी किया करते थे। परंतु, इसके बावजूद भी उनके घर में आर्थिक समस्या बनी रहती थी। ऐसी स्थिति में उनको एक माली ने गुलाब की खेती करने की राय दी। इसके उपरांत राजेश ने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ दी। वह हिदवान गांव में आकर अपनी पुश्तैनी जमीन पर जैविक विधि से गुलाब की खेती करने लगे। वर्तमान में राजेश ने 6 कनाल में गुलाब की खेती कर रखी है। इससे वह प्रतिमाह 80 किलो तक गुलाब के फूल उत्पादित कर रहे हैं। विशेष बात यह है, कि वह गुलाब के फूल को स्वयं ही बाजार में सप्लाई करते हैं।

राजेश कुमार प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं

साथ ही, अपने खेत में उत्पादित किए गए गुलाब के फूल द्वारा गुलकंद, शरबत और गुलाब जल भी तैयार करते हैं। इन उत्पादों को वह और उनकी पत्नी मिलकर स्वयं ही घर-घर जाकर बेचते हैं। राजेश ने बताया है, कि गुलाब की खेती से वह प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं। विशेष बात यह है, कि अब वह अन्य किसानों को भी जैविक विधि से गुलाब के फूलों की खेती करने का प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। उनको देखकर फिलहाल 40 किसानों ने गुलाब की खेती चालू कर दी है। इससे समस्त किसान भाइयों को काफी ज्यादा लाभ हो रहा है। ये भी देखें: गमले में कैसे उगाएं गुलाब के खूबसूरत फूल

किसान राजेश खाद के तौर पर सदैव गोबर का ही उपयोग करते हैं

किसान राजेश कुमार ने बताया है, कि उनके खेत में उत्पादित किए गए गुलाब के फूल एवं उससे निर्मित किए गए उत्पादों की मांग बाजार में आहिस्ते-आहिस्ते बढ़ती जा रही है। उनका कहना है, कि अपने खेत में वह खाद के तौर पर सदैव गोबर का ही उपयोग किया करते हैं। वह अपने उत्पाद को भिवानी, बहादुरगढ़, पंचकूला, सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, चंडीगढ़, मोहाली, अंबाला और रोहतक में जाकर स्वयं ही सप्लाई करते हैं। राजेश कुमार के मुताबिक, किसान राजेश और उनकी पत्नी दोनों एकसाथ मिलकर प्रतिदिन सुबह गुलाब के फूलों को तोड़ने के बाद बेचने के लिए बाजार लेकर जाते हैं।
इस राज्य में गुलाब की खेती से सालाना लाखों का मुनाफा कमा रहा किसान

इस राज्य में गुलाब की खेती से सालाना लाखों का मुनाफा कमा रहा किसान

आज हम आपको एक सफल फूल उत्पादक किसान के बारे में बताने वाले हैं। जो कि गुलाब की खेती करके अच्छी-खासी आमदनी कर रहा है। बतादें, कि महाराष्ट्र के लातूर जनपद में काफी बड़ी संख्या में किसान गुलाब की खेती कर रहे हैं। इन किसानों में से ही एक किसान हैं बाबूराव शामराव सुरवसे। यह पहले पारंपरिक फसलों की खेती किया करते थे। लेकिन, पारंपरिक फसलों की खेती करने से किसान बाबूराम शामराव सुरवसे को अच्छी आय अर्जित नहीं हो पा रही थी। इस वजह से उन्होंने बागवानी की तरफ अपना रुख करके गुलाब की खेती करना शुरू किया।

महाराष्ट्र में बागवानी फसलों के रकबे में काफी वृद्धि हुई है

अधिकांश लोगों की यह धारणा है, कि महाराष्ट्र में किसान केवल गन्ना, कपास, प्याज और
सोयाबीन की ही खेती करते हैं। परंतु, इस प्रकार की कोई बात नहीं है। वर्तमान में यहां पर किसान बाकी राज्यों की भांति बागवानी में भी रुची दिखा रहे हैं। महाराष्ट्र में काफी बड़ी तादात में किसान केला, हरी सब्जी, आम और अमरूद की खेती कर रहे हैं। हालाँकि, विशेष बात यह है कि वर्तमान में बहुत सारे किसानों ने तो फूलों की खेती भी चालू कर दी है, जिससे उन्हें काफी अच्छी कमाई हो रही है। खबरों के अनुसार किसानों ने सरकार की सलाह पर आधुनिक विधि से फूलों की खेती शुरू की है।

पारंपरिक फसलों की जगह शुरू की गुलाब की खेती

मीडिया खबरों के मुताबिक, महाराष्ट्र के लातूर जनपद में बड़ी संख्या में किसान गुलाब का उत्पादन कर रहे हैं। बाबूराव शामराव सुरवसे भी इन्ही किसानों में से एक हैं। इन्होंने पहले पारंपरिक फसलों की खेती की जिसमें प्राकृतिक आपदाओं के की वजह से उनको प्रति वर्ष नुकसान वहन करना पड़ता था। अब ऐसी स्थिति में उन्होंनें 9 एकड़ भूमि में गुलाब की खेती चालू कर दी। इसकी खेती आरंभ करते ही बाबूराव शामराव सुरवसे की तकदीर पूर्णतय बदल गई। अब वह साढ़े 3 लाख रुपये सालाना शुद्ध मुनाफा उठा रहे हैं। यह भी पढ़ें: इस राज्य के गुलाब उत्पादक किसान ने गुलाब की खेती कर मिशाल पेश की है

बाबूराव शामराव सुरवसे से गुलाब की खेती सीखने आ रहे अन्य किसान

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि वर्तमान में बाबूराव शामराव सुरवसे से गांव के अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा के स्त्रोत बन चुके हैं। दरअसल, अब उनके पास गांव व आसपास के इलाकों से लोग गुलाब की खेती करने के गुर सीख रहे हैं। बाबूराव शामराव सुरवसे का कहना है, कि उन्होंने 9 एकड़ भूमि पर गुलाब की खेती की है। इसके लिए उन्हें 35 हजार रुपये का खर्चा करना पड़ा है। परंतु, फिलहाल वह फूल विक्रय करके खर्च निकाल कर प्रतिदिन एक हजार रुपये का मुनाफा अर्जित कर रहे हैं। इस प्रकार बाबूराम एक वर्ष में लगभग साढ़े तीन लाख रुपये से ज्यादा की आय कर रहे हैं।

हरियाणा का राजेश भी फूल की खेती से उठा रहा लाखों का मुनाफा

बतादें, कि विभिन्न राज्यों में फूल की खेती करने पर किसानों को बढ़ावा दिया जा रहा है। विगत माह इसी प्रकार की एक खबर हरियाणा में सामने आई थी। जहां पर एक किसान गुलाब की खेती से अमीर हो गया। जानकरी के लिए बतादें, कि हरियाणा के उस किसान का नाम राजेश कुमार है। जो कि पहले गार्ड की नौकरी किया करता था। परंतु, इससे उसके घर का भरण पोषण भी ठीक से नहीं हो पा रहा था। इस वजह से राजेश ने गुलाब की खेती करना शुरू किया था। वर्तमान में राजेश साल में 5 लाख रुपये तक की आमदनी कर रहे हैं।